प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिग मशीनो जो बिना अनुमति नलकूप
खनन, बोरिंग कर रही मशीनो को जप्त कर पुलिस में
एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा-कलेक्टर श्री चैतन्य
जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित
संपूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर पूर्णत: प्रतिबंध
अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा- 9 के अनुसार
दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये तक का
जुर्माना या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान
दमोह :
दमोह जिले में औसतन वर्षा से लगभग 48.20 प्रतिशत वर्षा कम होने के कारण जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में पेयजल संकट की स्थिति बन सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्त्रोतो, कुएं, तालाब, हैण्डपंप, नदी-नाला, ट्यूब वेल इत्यादि में जल स्तर कम होता जा रहा है, इसके कारण पेयजल एव निस्तार हेतु जल की कमी महसूस हो रही हैं। निकट भविष्य में जल की अत्यधिक कमी की पूर्ण संभावना को देखते हुये कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड दमोह के प्रतिवेदन पर कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य ने दमोह मध्यप्रदेश पेयजल परिरंक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियन 2002 की धारा- 3 के अंतर्गत दमोह जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर निम्नानुसार कार्य प्रतिबंधित किये है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर 30 जून 2022 तक प्रभावशील होगा।
जारी आदेशानुसार जिले में प्राकृतिक रूप से बहने वाली नदी-नालो तथा तालाबों में उपलब्ध पानी एवं भूमि सतह के नीचे पानी का घरेलू उपयोग एवं पशुधन के रख रखाब के प्रयोजन के अतिरिक्त पानी की निकासी पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगीं। भवन निर्माण (शासकीय निर्माण कार्य को छोड़कर) जिसमें पानी का अत्यधिक अपयोग होता हैं, पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगें। अधिनियम की धारा 6(1) के अंतर्गत संपूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगें।
दमोह जिले की सीमा क्षेत्र की सीमा मे नलकूप / बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना कोई नलकूप खनन नहीं करेगा। प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिग मशीनो जो बिना अनुमति नलकूप खनन / बोरिंग कर रही मशीनो को जप्त कर, पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा।
समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणो के लिए व अन्य प्रयोजनो हेतु उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया जाता है। इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा- 9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान हैं।
यह आदेश शासकीय योजनाओं कें अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा, तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड दमोह द्वारा कार्ययोजनान्तर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा, इस हेतु उपरोक्तानुसार अनुज्ञ प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगी। नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जलस्त्रोतो का, आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति जो इस आदेश का उल्लंघन करेगा, वह म.प्र. पेयजल परिरंक्षण अधिनियम 1986 की धारा-9 में उल्लेखित अनुसार 02 वर्ष तक के कारावास या जुर्माने से जो 2000/- रू. तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डनीय होगा।